Children's Stories The Blessing of the Deity. KIDS FUN
एक गाँव में जग्गू नाम का बहेलिया रहता था। वह पास के घने जंगल से रंग-बिरंगे और सुंदर-सुंदर पक्षियों को पकडता । फिर उन पक्षियों को चोरी-छुपे शहर ले जाकर ऊंचे दामो में बेच देता । एक दिन जग्गू बहेलिया को जंगल में बहुत ही सुदंर एक चिड़िया हाथ लग गई । उसकी सुदंरता को देखकर उसने उसे अपने ही घर के पिंजरे में बंद कर लिया ।नन्ही चिड़िया पिंजरे में बहुत उदास रहने लगी । उसे अपने बच्चा बहुत याद आ रहे थे । वह रोजाना परमेश्वर से प्रार्थना करती और कहती- हे वन देवता, मुझे यहां से मुक्ति दिलवा दो। एक दिन जग्गू की छ साल की बेटी स्कूल से घर नंही लौटी । जग्गू और उसकी बीवी बडें परेशान हो गए । दोंनो नें मिलकर गांव का चप्पा-चप्पा छान मारा, लेकिन उनकी बेटी कहीं नहीं मिली । रात भी होने लगी थी । आखिर वे थक-हार कर सुबह होने का इंतज़ार करने लगें । जग्गू की बीवी का रोते-रोते बुरा हाल था । अचानक बैठे-बैठे उसकी आंख लग गई । उसने एक सपना देखा कि एक ज्ञानी आदमी आया और बोला " पुत्री । वन देवता हूं। मुझे पता है कि तुंहारी बेटिया कहीं गायब हो गई है । तुम उसी की चिंता में रो रही हो ।
हां बाबा, मै सचमुच बहुत दुखी हूं । वह मेरी इकलौती बेटी है । पता नहीं मेरी बच्ची कहां और किस हाल में होगी । उसने रोते हुए कहा ।
वन देवता ने कहां- लेकिन बेटी कभी तुमने सोचा है कि तुंहारे पति ने मेरे जंगल से न जाने कितने परिदों को अापने जाल में फसाकर उनहें शहर में बेच दिया । वे भी किसी के बच्चे या मां-बाप को तलाश रहें होंगे । आज भी तुंमहारे घर के पिंजरे में एक सुंदर चिड़िया कैद है । उसके दो बच्चे कई दिनों से अपनी मां को तलाश रहे है । तुम अच्छी तरह से जानते हो, जंगल के पेडों की कटाई करना या पक्षियों को बदीं बनाकर बेचना कितना बडा गुनाह है । ये प्रदूषण को शुदह बनाए रखने के लिए कितने उपयोगी है।
वन देवता की बात सुनकर जग्गू की पत्नी ने हाथ जोडकर कहा । "हे वन देवता", हमे माफ कर दो । मैं अभी उस चिडिया को पिजरें से आजाद करती हूँ । मेरी, बिटिया मुझे मिल जाए, ऐसा आशीर्वाद अवशय देना । "तथास्तु.....।" कहते हुए वन देवता चले गए । जग्गू की पत्नी बडबडती हुई जाग गई । उसने घबराते हुए अपने पति को सपने की सारी बात बता दी । जग्गू ने तुंरत पिजरा खोलकर कर उसे ननही चिडिया को आजाद कर दिया ।
जैसे ही सूरज की पहली किरण धरती पर आई, किसी ने दरबाजा खटखटाया । जग्गू और उसकी पत्नी ने दौंडकर दरवाजा खोला । दोंनो अपनी बेटी को पाकर खुशी से रोने लगी । बेटी ने बताया- "एक बूढा आदमी मुझे अपने घर ले गया था । अच्छी-अच्छी चींजे खाने को और खिलौंने दिए । इतना ही नही, वे मुझे छोडने के लिए घर तक भी आया थे । इसके बाद से बहेलिये ने चिडिया पकड़ना ने चिडिया पकड़ना छोड दिया ।
इसी तरह बहेलिया ने सभी चिडियों को छोड़ दिया । कहानी खत्म और पैसा हजम । इसी तरह की कहानी यो के लिये हमे टिप्पणी जरूर दें । आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी ।कृपया कमेंट में जरूर
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